वास्तु शास्त्र का एक अहम अंग है। वास्तु पुरुष से ही वास्तु की पूरी स्थिति स्पष्ट होती है। माना जाता है कि प्रत्येक घर में वास्तु पुरुष व्याप्त रहता है। वास्तु पुरुष अधोमुख पेट के बल लेटा हुआ मोड़ कर लेटा रहता है। उसका सिर इंसान कोण में, कुहनीयाँ पूर्व और दक्षिण पश्चिम के मध्य तथा दायां घुटना पूर्व व दक्षिण के मध्य और बायां घुटना दक्षिण और दक्षिण पश्चिम के मध्य होता है। घर के पश्चिम में नाभि स्थल होता है।
घर की स्थिति स्पष्ट रूप से देखी जाए तो हो सकता है कि 'कमरों' का हॉल ऊर्जाओं कमरों में सौ गज की हो या हज़ार गज की। यह देखना ज़रूरी हो जाता है कि वह वास्तु सही चल सकती है कि यह घर व काम के किस भाग पर वास्तु पुरुष का कौनसा अंग विद्यमान है। वास्तु पुरुष का जो अंग घर के जिस भाग में पड़ता है वह स्थान यदि साफ हो तो शुभ व सकारात्मक विकरण होता है परंतु यदि विकृति हो तो उसका फल भी अशुभ हो होगा।
वेदों सहित शास्त्रों के अनुसार वास्तु पुरुष सिर से पांव तक जो उस घर में सही प्रकार के दोष होते हैं। धन हानि, स्त्री व पुत्र हानि होती है। विद्य व पुत्र हानि होती है। वास्तु पुरुष का सिर यदि शौच, स्नान, रसोई आदि पर गिरे गृह स्वामी को धन हानि होती है। बायां हाथ ऊपर होने से स्त्री हानि, नाक, कान और पीठ पर दोष होने से धन हानि होती है। यदि पैरों में होती है तो पुत्र हानि, स्त्री हानि, घर व पिता पक्ष की हानि होती है। वास्तु पुरुष की भावना स्पष्ट रूप से दर्शक हो सकती है। मकन के सम्पूर्ण व समूचे बना सकता है। इस सिद्धान्त का प्रयोग बहुत लाभकारी व सोच समझकर करना चाहिए। जिस प्रकार घर में भी वास्तु पुरुष विद्यमान है, उसी प्रकार से प्रत्येक गाँव, नगर, कॉलोनी, तहसील, जिला, राज्य और देश में भी वास्तु पुरुष का प्रभाव होता है। जिस गाँव, नगर व राज्य आदि में रहने वालों की स्थिति क्या रहती है और किस प्रकार से उस गाँव में सुखमय जीवन व्यतीत रहते हैं।
फेंगशुई के अनुसार यह परंपराएँ और विचारधाराएँ प्रचलित है। वह कहता है कि घर के मुख्य द्वार से सिर रखकर जो घर में प्रवेश करता है वास्तु पुरुष के किसी अंग पर उसका पग पड़ता है। उसके घर में समस्त प्रकार की हानि, दोष, क्लेश या विकृति होगी उसी के अनुसार घर के सदस्यों को दुख, बीमारियाँ, क्लेश, आर्थिक समस्याएँ होनी पड़ती है। जिस प्रकार से वास्तु पुरुष का एक जीवित स्थिति होती है।
वास्तु और फेंगशुई के सिद्धान्तों को अपनाने से घर, फैक्ट्री, कॉलोनी आदि के वास्तु जीवन को पता लगाया जा सकता है।
अतः आप अपने घर, दुकान, फैक्ट्री आदि के वास्तु को सही प्रकार से देखें और यदि जिस स्थान में दोष हो उस अनुभवी वास्तु शास्त्री से मिलकर वास्तु पुरुष शांति के उपाय करें ताकि सुखी जीवन जीएं।